News Nation 81 की खबर के असर से किया पूर्व सरपंच ने किया शौचालय निर्माण कार्य शुरू।

पूर्व सरपंच और वर्तमान रोजगार सहायक की जुगल बंदी का खेल 



न्यूज़ नेशन 81 की खबर के असर से किया पूर्व सरपंच ने किया शौचालय निर्माण कार्य शुरू।



एमपी गुना जिले से गोलू सेन की रिपोर्ट



गुरु और चेला के जल मैं फसा पाली गांव।


आरोन तहसील के ग्राम पंचायत नटाई मै आता हैं पाली गांव।

हम आपको पिहले भी बता चुके हैं कि पाली गांव में दो हजार चौदह से अभी तक किसी भी व्यक्ति को पीएम आवास योजना का लभ नही मिला है। इसी के चलते ग्रामीणों ने आने वाले विधानसभा चुनाव का पूर्णता:भाहिस्कार कर दिया है। जब तक पीएम आवास योजना का लभ नही तो वोट भी नहीं। ऐ समस्या पाली गांव की ही नहीं हैं बल्कि गुना जिले के हजारों गांव की है। वही अब गुना में पीएम आवास को लेकर आदिवासी समाज ने भी आवाज बुलन्द करनी शुरू कर दी है, वही इस मामले मैं कलेक्टर तरुण राठी का कहना है की पुराने आवासों का निर्माण पहली प्राथमिकता हैं, दूसरी तरफ, पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि दास हजार आवास के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी हैं, मध्यप्रदेश मै विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी योजनाओं का लभ पाने के लिए हितग्राही सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, गुना जिले में सबसे ज्यादा आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर हैं। पीएम आवास पाने के लिए ज्यादा आदिवासी समाज आवेदन दे रहा हैं। ग्रामीण इलाकों में पंचायत विभाग द्वारा पीएम आवास स्वीकृत की जाती है, वहीं शहरी क्षेत्र में नगर पालिका द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है बता दें कि पीएम आवास योजना बड़े स्तर पर वोट बैंक को भी प्रभावित करती है,*कलेक्ट्रेट में बनाई गई डिस्क*।पीएम आवास योजना केंद्र सरकार की लाइफ लाइन योजनाओं में शुमार है, प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदनों को लेने के लिए गुना में कलेक्टर द्वारा अलग से डिस्क स्थापित की गई है,जिला प्रशासन को भी पता है ,कि प्रधानमंत्री आवास योजना का क्या महत्व है ,फिलहाल पीएम आवास की डिस्क पर रोजाना प्रशासन को सैकड़ो आवेदन प्राप्त हो रहे हैं ! ग्रामीण इलाकों में चार किस्तों में 1,20000 रुपए आवास निर्माण के लिए स्वीकृत की जाती है 2021-22 के बाद से पीएम आवास स्वीकृत नहीं की गई हैं। जिले में अब तक 80 हजार के लगभग ग्रामीण इलाकों में आवास निर्मित हुए हैं। इस स्थिति में जो गांव पीएम आवास योजना से वंचित रह गए हैं, या कूटनीति रहित कर दिए गए हैं क्या वह गांव पीएम आवास में जुड़ पाएंगे,इसी कतार में है ग्राम पाली गांव जो पूर्व सरपंच और वर्तमान रोजगार सहायक की कूटनीति का शिकार हो गया है ,अभी तक इस गांव को नहीं मिल पाया पीएम आवास जैसी मूलभूत सुविधा का लाभ। पूर्व सरपंच जसवंत सिंह रघुवंशी और वर्तमान रोजगार सहायक जितेंद्र धाकड़ ने कभी नहीं सोचा कि पाली गांव को पीएम आवास से वंचित करने का मतलब उन को नर्क में धकेलने जैसा है। आरोन जनपद सीओ का कहना है कि हम चाह कर भी नहीं कर पाएंगे पाली गांव को पीएम आवास योजना में अंकित, हम आपको बता दें कि पूर्व जनपद सीओ पर भी लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप प्रमोद श्रीवास्तव नाम से चर्चित थे पूर्व जनपत सीओ ,पूर्व सरपंच और रोजगार सहायक ने कर डाले फर्जी कार्य ,पाली गांव में नही हैं *आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी भवन* और निकाल लिया पूरा पेमेंट। गुरु और चेला ने मिलकर किया लाखों का भ्रष्टाचार फिर भी प्रशासन मोन। आखिर क्यों कर रहा है प्रशासन अनदेखी, 2021 में फुल पेमेंट और 2023 में निर्माण कार्य आखिर ए कैसी मनमर्जी है। पाली गांव के प्राथमिक विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्र पर शौचालय निर्माण कार्य होना था जिसका फुल पेमेंट 2021 में ही हो गया लेकिन निर्माण कार्य अभी तक जारी है , और नही हैं

*कंक्रीट डस्टबिन* दस नग के हिसाब से निकल लिए एक लाख पचास हजार रूपये,इससे अंदाजा लगाया जा सकता है ,कि पूर्व सरपंच और रोजगार सहायक की कितनी दबंगई है इसके कारण संबंधित अधिकारी भी उन पर जांच का हथोड़ा नहीं चला पा रहे हैं। क्या प्रशासन के आला अधिकारी करेंगे पूर्व सरपंच और वर्तमान रोजगार सहायक के 7 साल के कार्यों की जांच नावागत कलेक्टर इस खबर पर लेगे संज्ञान, क्या मिल पाएगा पाली गांव के ग्रामीणों को पीएम आवास योजना का लाभ?

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